जलराशि ने नाम दिए देशों को

हमारे देश भारत के दो और नाम प्रचलित हैं हिन्दुस्तान तथा इंडिया. ये दोनों नाम हमारे देश को सिंधु नदी के कारण मिले हैं. सिंधु नदी को प्राचीन ईरानवासियों ने अपने ढंग से उच्चारण करते हुए हिन्दू कहा. यूरोपवासियों ने उसे इंडस संबोधित किया. इंडस से इंडिया बना है. सिंधु नदी तिब्बत से निकलती है, भारत के लद्दाख क्षेत्र में बहकर बाद में वह पाकिस्तान की मु2य नदी बन गई है. कुल 2880 किलोमीटर की यात्री पूरी करते हुए सिंधु नदी अरब सागर में मिल जाती है. सिंधु नदी के कारण ही सिंध प्रदेश और सिंधी भाषा को नाम मिले हैं. दुनिया में और भी कई देशों को नदियों के नाम दिए हैं. पश्चिमी एशिया में एक देश है जोर्डन. इस देश ने भी अपना नाम जोर्डन नामक नदी के कारण पाया है.
जोर्डन एक छोटी नदीं है जो मृतसागर में समाती है. नदियों के आधार पर अफ्रीका महाद्वीप में कई देशों को नाम मिले हैं. नाइजर एक बड़ी नदी है जिसकी लंबाई 7180 किलोमीटर है. नाइजर एवं नाइजीरिया दोनों देशों ने अपने नाम इसी नदी से ग्रहण किए हैं. अटलांटिक महासागर के तट पर पश्चिमी अफ्रीका में दो छोटे-छोटे देश हैं-सेनेगल और गैमिम्या. दोनों देश अपने नामों के सदृश नदियों के कारण वि2यात हैं. सेनेगल और गै6बिया दोनों साधारण नदियां हैं मझौले आकार की. गैब्बिया महासागर में विलीन होकर अपनी यात्रा समाप्त करती है. इस नदी ने कांगों (किंशासा) और कांगो(ब्राजाविले) नाम के दो देशों को संज्ञा प्रदान की है.
अफ्रीका में एक और बड़ी नदी है जे6बेसी जो 3540 किलोमीटर की लंबाई पार कर दक्षिणी अटलांटिक में समा जाती है. जा6बिया देश में अपनी पहचान इस नदी से प्राप्त की है. यद्यपि मिस्त्र देश को नाम अलग कारण से मिला है, फिर भी उसका जीवन नील नदी पर आश्रित है. इसी कारण मिस्त्र (इजिप्ट) को नील नदी का वरदान कहा जाता है. 6650 किलोमीटर लंबी नदी नील, लंबाई के हिसाब से सबसे बड़ी नदी है. दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप में तीन देशों को नदियों के नाम दिए हैं. दक्षिणी अटलांटिक महासागर तट पर ब्राजील के दक्षिण तथा अर्जेंटीना के पूर्वी तट से सटा हुआ देश है-उरुग्वेय उरुग्वे नाम की नदी से दक्षिणी अमेरिका के स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले इस देश को नाम दिया है.
उरुग्वे का पड़ोसी देश है पेराग्वे. पेराग्वे का नामकरण पेराग्वे नामक नदी से हुआ है. दक्षिण अमेरका महाद्वीप के मध्य में बहने वाली पेराग्वे एक बड़ी नदी 2494 किलोमीटर लंबी है. यह नदी इतनी चौड़ी है कि मझौले आकार के जहाज इसमें नौवहन कर सकते हैं. यही कारण है कि सागर तट विहीन पेराग्वे देश को समुद्र तट की कमी अनुभव नहीं होती. दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के उ8ार में एक देश है-सूरीनाम. वहां सूपीनाम नामक नदी है. इसी नदी के किनारे वहां की राजधानी पारामारिबों स्थित है. सूरीनाम कोई 140 वर्ष पहले हजारों भारतवंशी मजदूर ले जाए गए हैं.
सूरीनाम नदी के देश सूरीनाम में लगभग 40 प्रतिशत निवासी भारतीय मूल के हैं. जल हमारे जीवन का मु2य आधार है. सही कहा गया है कि जल से ही जीवन है. यहीं जल जब बहता है तो नदी बन जाता है. बहती हुई नदियों ने कई देशों के नाम दिए हैं. स्थित जलराशि जब विशाल क्षेत्र में होती है तो उसे झील कहते हैं. झीलों ने भी अनेक देशों के नाम दिए हैं. मध्य अफ्रीका में एक बड़ी झील है टांगान्यिका. टांगन्यितका देश (पूर्वी अफ्रीका) और हिन्द महासागर के द्वीप देश जंजीबार का संघीय देश टांजानिया कहलाता है. टांगन्यिका के पड़ोस का देश है मलावी ने भी अपना नाम इसी नाम की झील से पाया है. मध्य अफ्रीका में उ8ार की ओर चाड नामक देश है. चाड नामक झील से पाया है.
श्रीधर बर्वे
साभार-नवभारत भोपाल

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